सच जान लो अलग होने से पहले, सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले, सोच लेना मुझे भुलने से पहले, रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले।
जिंदगी तो कट ही जाती है,
बस यही एक जिंदगी भर
गम रहेगा की हम उसे ना पा सके।
उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं; आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं; झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं, और सच कहूँ, तो आपकी यादो के सिवा कुछ भी नहीं।
उन्हें चाहना मेरी कमज़ोरी हैं; उनसे कह नहीं पाना मेरी मज़बूरी हैं; वो क्यों नहीं समझते मेरी खामोशी; क्या प्यार का इज़हार करना जरुरी हैं।
मोहब्बत कभी झूठी नही होती है, झूठे तो कसमे, वादे और लोग होते हैं।
याद बन कर मुझे सताओ ना तुम इस तरह,
तेरी याद में मेरा रो रो कर बुरा हाल है,
बस एक बार मेरी ज़िन्दगी में वापस आ जाओ,
मेरे दिल में बस अब तेरा ही ख्याल है।
इश्क़ ऐसा था कि उनको बता ना सके, चोट थी दिल पे जो दिखा ना सके, नहीं चाहते थे हम उनसे दूर होना, लेकिन दूरी इतनी थी कि हम मिटा ना सके।
वो दर्द दे गए सितम भी दे गए, ज़ख्म के साथ वो मरहम भी दे गए, ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का, हमे कभी न रोने की कसम दे गए।
कहाँ कोई मिला ऐसा जिसपे दिल लुटा देते,हर एक ने धोखा दिया किस किसको भुला देते,अपने दर्द को दिल ही में दवाये रखा, करते बयां तो महफ़िलों को रुला देते।
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे, जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे, मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा, शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे।
पूछा था हाल उन्होंने मेरा
बड़ी मुद्दतों के बाद,
कुछ गिर गया है आँख में,
कह कर हम रो पड़े।
हमने कब माँगा है,
अपनी वफाओं का सिला,
बस दर्द देते रहा करो,
मोहब्बत बढ़ती जाएगी।
अब शिकवा करें भी तो करें किससे, क्योंकि ये दर्द भी मेरा, और दर्द देने वाला भी मेरा।
खुदा करे कोई इश्क़ का शिकार ना हो; जुदा अपने प्यार से कोई प्यार ना हो;
मैं उसके बिना ज़िंदगी गुज़ार दूँ; बेशर्ते उसको किसी से प्यार ना हो।
तू दिल के करीब होकर भी दूर है, दिल तेरी ही वजह से इतना मजबूर है, तेरे बिना मेरा बहुत बुरा हाल है,
ये दिल अब पत्थर की तरह चूर चूर है।
यादो में कभी आप खोये होंगे; खुली आँखो से कभी आप भी रोये होंगे; माना हमे आदत हैं, गम छुपाने की; पर हँसते हुए कभी आप भी रोये होंगे।
तेरी यादों को पसन्द आ गई मेरे आँखों की नमी,
अब हँसता हूँ तो रुला देती है तेरी कमी।
हम न पा सके तुझे मुद्दतो चाहने के बाद,और किसी ने तुझे अपना बना लिया चन्द रस्मे निभाने के बाद।
माँगा था थोड़ा सा उजाला जिंदगी में,
पर चाहने वालो ने तो आग ही लगा दी।